शॉर्ट फिल्म हमेशा से ही किसी भी कहानी को कहने का एक बहुत ही मजेदार, रोमांचक तथा कलात्मक तरीका माना जाता है. कम लागत वाली तकनीक में तैयार होने वाली तथा आमजन तक आसान पहुंच रखने वाली शॉर्ट फिल्मों के बारें में माना जाता है कि ये सिनेमा के मुहावरों को जीवंत करती हैं. वहीं इनके बारें में यह भी माना जाता है कि यह छिपी हुई प्रतिभाओं को ज्यादा अच्छे तरीके से प्रकाश में लाती हैं.
आज के डिजिटल दौर में रचनात्मक रूप से संपन्न लोगों का रुझान भी ऐसी ही फिल्मों की ओर ज्यादा बढ़ रहा है, जिसके चलते आजकल पहले के मुकाबले ज्यादा संख्या में इनका निर्माण होने लगा है. वैसे भी डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर आई क्रांति ने सिनेमा में एक नए चलन की शुरुआत की है, जिसका फायदा शॉर्ट फिल्मों को काफी ज्यादा मिल रहा है.
वर्तमान समय में इन प्लेटफार्म पर राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर शॉर्ट फिल्मों के क्षेत्र में काफी उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ नजर आ रही हैं. लघु (शॉर्ट फिल्म) सिनेमा तथा उसके निर्माण से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत जरूरी है कि बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले लोगों की पीठ थपथपाई जाए तथा इस क्षेत्र में अच्छी प्रस्तुतियां देने को इच्छुक लोगों को मौके प्रदान किये जायें.